हमेशा से ही चीन की नजर अपने पड़ोसियों की जमीन पर रही है।  चीन की सीमा भले ही 14 देशों के साथ लगती हो, लेकिन वह 23 देशों की जमीन या समुद्री सीमाओं पर नजर रखता है। चीन अब तक दूसरे देशों की 41 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि पर अपना कब्ज़ा कर चुका है। यानि चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति से अपने साइज़ को लगभग दुगना कर लिया है। पिछले 7 दशकों में चीन ने अपने मौजूदा हिस्से का 40% से ज्यादा हिस्सा दूसरे देशों से छिना है। चीन में 1949 में कम्युनिष्ट शासन की स्थापना हुई और तभी से चीन ने जमीन हड़पने की नीति शुरू कर दी। 
ईस्ट तुर्किस्तान
1949 तक चीन ईस्ट तुर्किस्तान की 16 लाख वर्ग कि. मी भूमि पर कब्ज़ा कर चुका था। यह इलाका उईगर मुस्लिमो का है तब से चीन इन लोगों पर जुल्म करता आ रहा है। 
मंगोलिया 
चीन  ने 1945 में मंगोलिया पर हमला कर दिया और 12 लाख वर्ग कि मी  का मंगोलिया के भू भाग पर कब्ज़ा कर लिया। यहां पर दुनिया के 25% कोयला भंडार है। 
तिब्बत 
1950 में चीन ने तिब्बत के 12 लाख वर्ग कि मी पर कब्ज़ा कर लिया।  यहां पर बहुत भारी मात्रा में खनिज सम्पदा है। यहां पर 80% बौद्ध आबादी है। यहां के धर्म गुरु दलाई लामा ने भारत की सरन ली हुई है। 
ताईवान 
1949 में चीन के राष्ट्रवादियों ने कम्युनिष्टों से डर कर ताईवान की शरण ली, चीन ताईवान को भी अपना हिस्सा मानता है। लेकिन ताईवान को अमेरिका का समर्थन हासिल है वह चीन का डटकर सामना कर रहा है। 35 हजार कि मी वाले समुंदर से घिरे ताईवान पर लम्बे समय से चीन की नजर है। 
ऐसे ही चीन ने 1962 में युद्ध करके भारत के 38 हजार वर्ग कि मी पर कब्ज़ा कर लिया। 5180 वर्ग कि. मी. का POK का इलाका पाकिस्तान ने चीन को दे दिया। इसके बाद भी चीन लगातार भारत के लद्दाक, अरुणाचल प्रदेश को भी अपना बताता रहा है। हालाँकि भारत ने चीन के साथ लगातार मैत्री करने की कोशिश की है लेकिन चीन की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। 
दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर
चीन ने इस क्षेत्र के 7 देशों सटे 35 लाख वर्ग कि. मी. समुद्र के 90% क्षेत्र पर अपना दावा ठोक रखा है। यहाँ से ३ लाख करोड़ का सालाना व्यापार, 77 अरब डॉलर का तेल और 266 लाख करोड़ क्यूबिक फ़ीट गैस भंडार है जिन पर चीन का कब्ज़ा है। ऐसे ही चीन पूर्वी चीन सागर के 81 हजार वर्ग कि. मी. पर भी नजर रखे हुए है। 
नेपाल 
चीन ने नेपाल के कई इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया हे और नेपाल की जनता अपनी सरकार से नाराज है। इस वजह से चीन ने नेपाल के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारत से सीमा विवाद छेड़ा हुआ है। चीन ने उधर नेपाल में बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है जिस बहाने वह चीन को कब्जाने में लगा हुआ है और भारत के लिए भी अवरोध उत्त्पन कर रहा है। 
हांगकांग 
हांगकांग में चीन लगातार मानवाधिकारों का उलंघन करता आ रहा है। तीन दिन पहले चीन ने हांगकांग के लिए राष्ट्रिय सुरक्षा कानून पारित कर दिया है जिससे वहां के लोगों की आवाज को दबाया जा सके। 
चीन की विस्तारवाद नीति के कारण इस वक्त एशिया महाद्वीप में जंग के हालात  बने हुए है। एक  तो कोरोना के कारण चीन इस वक्त सभी मुल्कों की नजर में आया है, पूरी दुनियां इस संकट का कारण चीन को मान रही है जिससे अभी तक पूरी दुनियां में 5 लाख से ज्यादा लोग मर चुके है और अभी तक इस महामारी का कोई उपाय नहीं ढूंढ पाए है। पूरी दुनिया में चीन के प्रति गहरा रोष है। 


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