देश की सुरक्षा को ठेंगा दिखाता : मौलाना साद
तब्लिकि जमात का मुखिया मौलाना साद देश की सुरक्षा एजेंसीज के लिए एक अबूझ पहेली बन गया है। यह तो शुक्र है कोरोना का जो मौलाना के बारे में इतनी सारी जानकारी लेकर आया। जिस प्रकार बाढ़ के मौसम में बिलों में घुसे अनेक प्रकार के जीव बाहर निकल आते है उसी प्रकार कोरोना के कहर में तब्लिकि जमाती बाहर निकले। और कैसे जमातियों के नेटवर्क ने कोरोना को पुरे देश में फैलाने का काम किया। बेशक जमातियों ने ये काम जानबूझ कर नहीं किया लेकिन जिस प्रकार से सरकार के आदेशों की अनदेखी की गई उससे देश में कोरोना ने चिंताजनक हालात पैदा कर दिए है। देश में Lockdown-1 के अन्तिम चरण तक भी स्थिति इतनी नाजुक नहीं थी, जितनी तब्लिकि जमात के सामने आने के बाद हुई है। 
          सबसे बड़ी बात तो ये है कि इतने दिनों से दिल्ली में जहां पर दो दो सरकारे है और तमाम सुरक्षा एजेंसीज के हेडक्वार्टर है जहां से आतंकवाद और देशद्रोहियों को ख़त्म करने की योजनाए बनाई और चलाई जाती है, ठीक उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा था। जिस अकाउंट से हजारों करोड़ का लेनदेन हो रहा हो उसके बारे में भी आज से पहले न तो किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने और न ही किसी आर्थिक विभाग ने कोई जांच मुनासिब समझी। 
हमारे देश की सुरक्षा एजेंसियां मौलाना साद को ढूंढने में एड़ी चोटी का जोर लगा रही है लेकिन साद पता नहीं किस बिल में छुपा बैठा है जो अपनी मौजूदगी का अहसास भी करवा रहा है लेकिन मिल नहीं रहा है। 


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